पैदल अवश्य चलिए
— किसी व्यक्ति की हड्डियों और माँसपेशियों का ५०% दोनों पैरों में होता है। इसलिए पैदल चलिए।
— मानव शरीर की हड्डियों का सबसे बड़ा और सबसे मज़बूत जोड़ पैरों में होता है। इसलिए प्रतिदिन १० हज़ार कदम पैदल चलें।
— मज़बूत हड्डियाँ, मज़बूत माँसपेशियाँ और लचकदार जोड़ों का “लौह त्रिकोण” पैरों में होता है, जो पूरे शरीर का बोझ ढोते हैं।
— मनुष्य जीवन में ७०% गतिविधियाँ और ऊर्जा का क्षय दोनों पैरों द्वारा किया जाता है।
— जवान मनुष्य की जाँघें इतनी मज़बूत होती हैं कि ८०० किग्रा वजन की एक छोटी कार को भी उठा सकती हैं।
— शरीर के इंजन का केन्द्र पैर में होता है।
— दोनों पैरों में मिलाकर पूरे मानव शरीर की ५०% नाड़ियाँ होती हैं। उनमें होकर ५०% रक्त कोशिकाएँ और ५०% रक्त बहता है।
— यह रक्त प्रवाह का सबसे बड़ा नेटवर्क है। इसलिए प्रतिदिन पैदल चलिए।
— यदि पैर स्वस्थ होंगे, तो रक्त का प्रवाह सामान्य रहता है। इसलिए जिनके पैरों की माँसपेशियाँ मज़बूत हैं, उनका हृदय भी मज़बूत होगा। इसलिए पैदल चलिए।
— वृद्धावस्था पैरों से ऊपर की ओर शुरू होती है। उम्र बढ़ने पर मस्तिष्क से पैरों को आने वाले निर्देशों की शुद्धता और गति कम होती जाती है। युवाओं में ऐसा नहीं होता। इसलिए पैदल चलिए।
— उम्र बढ़ने पर हड्डियों की खाद कैल्शियम की मात्रा कम होती जाती है, जिससे हड्डियों में टूटन होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए पैदल चलिए।
— हड्डियों में टूटन होने पर अनेक शिकायतों का सिलसिला शुरू हो सकता है। इनमें विशेष रूप से घातक बीमारियाँ जैसे ब्रेन थॉम्बोसिस शामिल हैं।
— पैरों के व्यायाम करने में कभी देरी नहीं होती। ६० की उम्र के बाद भी ये व्यायाम शुरू किए जा सकते हैं।
— यद्यपि हमारे पैर समय के साथ वृद्ध होंगे, लेकिन इनका व्यायाम जीवन भर करना चाहिए। प्रतिदिन दस हज़ार पग पैदल चलिए।
— पैरों को लगातार मज़बूत करके ही कोई वृद्ध होने की गति कम कर सकता है। इसलिए साल में ३६५ दिन पैदल चलिए।
— क्या आप जानते हैं कि वृद्ध रोगियों में १५% की मृत्यु जाँघ की हड्डी में टूटन होने पर एक साल के अन्दर हो जाती है? इसलिए बिना चूके प्रतिदिन पैदल चलिए।
— अपने पैरों के पर्याप्त व्यायाम के लिए और पैरों की माँसपेशियों को स्वस्थ रखने के लिए प्रतिदिन कम से कम ३०-४० मिनट पैदल चलिए। साभार
Good health
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