4 सितम्बर 22 रविवार को आर्य समाज पाली का सप्ताहिक अधिवेशन हुआ सम्पन्न
परमपिता से प्यार नही, शुद्ध रहा व्यवहार नही. -हनुमान आर्य
इसलिए तो आज देखलो सुखी कोई परिवार नही. भजन सुनाया, वरिष्ठ आर्य समाजी पेपसिह राजपुरोहित ने आर्य समाज की उन्नति के बारे मे उदबोधन दिया जिसमे यज्ञ के बीच मे किसी भी प्रकार की टोका टोपी नही करने और सबको एक वेश मे समाज मे आने का परामर्श दिया. हिडोन सिटी के आर्य प्रकाशक प्रभाकर देव आर्य के निधन पर घेवरचन्द आर्य ने शोक प्रस्ताव रखा जिसे पारित कर सभी ने दो मिनट का मौन रखकर दिवगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की गई.
आज आर्य समाज मे चार पांच नये सदस्यो का आगमन हुआ जिसमे नारायण सिंहजी, ब्रृजेन्द्रसिहजी, राहुलजी चौहान, पवनजी आर्य, सालगरामजी आदि का आपसी परिचय करवाया गया और सालगराम जी को सत्यार्थ प्रकाश भेट की गई नव आगन्तुक सज्जनो की सदस्यता बाबत अगले अधिवेशन मे आर्य समाज की अन्तरग सभा द्वारा निर्णय किया जायेगा. गणपत जी भदोरिया ने सभी का आभार व्यक्त किया शान्ति पाठ के बाद आज का अधिवेशन सम्पन्न हुआ.
नव आगन्तुक सदस्यो सहित आज के अधिवेशन मे 22 से अधिक गणमान्य सदस्यो की समाज मे गरीमामय उपस्थिति रही.
-पं घेवरचन्द आर्य पाली