शिक्षक दिवस
5 सितम्बर को भारत के पूर्व द्वितीय राष्ट्रपति प्रकांड विद्वान, लेखक, डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का दक्षिण भारत के तिरूतनी नाम के एक गांव में 5 सितम्बर 1888 को जन्म हुआ था । वे बचपन से ही मेधावी थे। उन्होंने दर्शन शास्त्र में एम.ए. की उपाधि ली और सन् 1916 में मद्रास रेजीडेंसी कॉलेज में दर्शनशास्त्र के सहायक प्राध्यापक नियुक्त हो गए। इसके बाद वे प्राध्यापक भी रहे।
डॉ. राधाकृष्णन ने अपने लेखों और भाषणों के माध्यम से विश्व को भारतीय दर्शनशास्त्र से परिचित कराया। सारे विश्व में उनके लेखों की प्रशंसा की गई। वे भारतीय दर्शन शास्त्र परिषद् के अध्यक्ष भी रहे। कई भारतीय विश्वविद्यालयों की भांति कोलंबो एवं लंदन विश्वविद्यालय ने भी अपनी-अपनी मानद उपाधियों से उन्हें अलंकृत किया। विभिन्न महत्वपूर्ण उपाधियों पर रहते हुए भी उनका सदैव अपने विद्यार्थियों और संपर्क में आए लोगों में राष्ट्रीय चेतना बढ़ाने की ओर रहता था। डॉ. राधाकृष्णन रूस की राजधानी मास्को में भारत के राजदूत पद पर भी रहे। भारत रूस की मित्रता बढ़ाने में उनका भारी योगदान रहा था। सन् 1952 में वे भारत के उपराष्ट्रपति बने।
इस महान दार्शनिक शिक्षाविद और लेखक को भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी ने देश का सर्वोच्च अलंकरण भारत रत्न प्रदान किया। 13 मई, 1962 को डॉ. राधाकृष्णन भारत के द्वितीय राष्ट्रपति बने। सन् 1967 तक राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने देश की अमूल्य सेवा की। डॉ. राधकृष्णन जीवनभर अपने आपको शिक्षक मानते रहे। उन्होंने अपना जन्मदिवस शिक्षकों के लिए समर्पित किया। इसलिए 5 सितंबर पूरे भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। आज शिक्षक दिवस पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएं