गांव भलौर की 22 वर्षीय बेटी ने चुनाव जीत कर पिता को दिया चौधर का तौहफा
बापौली। गांव भलौर की एक 22 वर्षीय बेटी ने गांव में पिता की चौधर बरकरार रखने के लिए अपना सपना छोड़ चुनाव लड़ा और चुनावी रण जीत लिया। बापौली खंड के गांव भलौर में निवर्तमान सरपंच भूपेंद्र धीमान की दो बेटियां आस्ट्रेलिया जाने की तैयारी कर रही थी। जिसके लिए वे दिन रात आइलेट्स पास करने के लिए कोचिंग भी ले रही थी लेकिन गांव में सरपंच पद महिला में आने से भूपेंद्र को चिंता सताने लगी कि अब वे क्या करेंगे, ताकि गांव में उनके परिवार की चौधर बरकरार रहे
नवनियुक्त सरपंच श्वेता धीमान ने बताया कि उसका सपना गांव के विकास कार्य करवाने के साथ-साथ गांव में बेटियों को शिक्षा के प्रति जागरूक करना है, ताकि बेटियां शिक्षित होकर पीएम नरेंद्र मोदी के सपने को साकार करने के साथ-साथ देश की तरक्की में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकें।
गांव भलौर की 22 वर्षीय बेटी ने चुनाव जीत कर पिता को दिया चौधर का तौहफा
निवर्तमान सरपंच भूपेंद्र धीमान और उनकी पत्नी नीलम धीमान का कहना है कि उनकी बेटी बीए व आईटीआई से कंप्यूटर डिप्लोमा पास करने के बाद आस्ट्रेलिया जाना चाहती थी। जिसको पूरा करने के लिए वह उसे कोचिंग दिला रहे थे, लेकिन बेटी ने अपने सपने को छोड़कर अपने पिता का सपना पूरा करने के लिए गांव में सरपंच का चुनाव लड़ा और जीत हासिल करने हुए परिवार की चौधर के ताज को बरकरार रखा। उन्हें ही नहीं बल्कि पूरे परिवार को बेटी और सरपंच श्वेता धीमान पर गर्व है। साभार