खुद मजदूरी कर आईएएस बने घंसौर के सुमित विश्वकर्मा
भोपाल। मध्यप्रदेश में यदि कोई ऐसा है जिसे पूरा प्रदेश सेल्यूट करे तो वो है सिवनी जिले का सुमित विश्वकर्मा। सुमित की कहानी टीवी चैनलों पर नहीं आई, क्योंकि सुमित को कोई पहचानता ही नहीं था और जो जानते थे, वो टीवी चैनल के पत्रकारों को नहीं जानते थे। मध्यप्रदेश के सिवनी जिला के घंसौर निवासी सुमित विश्वकर्मा ने UPSC में 53 वी रैंक हासिल की है। वो किसी मजदूर का बेटा नहीं है, उसे पढ़ाने के लिए पिता ने लोन नहीं लिया बल्कि वो खुद मजदूर है और मजदूरी करते करते संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सर्विस परीक्षा में भाग लिया।
*मध्यप्रदेश में भवन निर्माण करने वाले मजदूरों को 'मिस्त्री'कहते हैं। सुमित विश्वकर्मा भी 'मिस्त्री'है। फाइनल इंटरव्यू में सुमित से पूछा गया ..OK का फुल फार्म क्या है? सुमित ने कहा objections killed ....* यही अनूठी सोच और लगन से सुमित ने आज नामुमकिन को मुमकिन करके दिखाया और सुमित आईएएस बन गया। सुमित विश्वकर्मा घँसोर जिला - सिवनी, मध्यप्रदेश का रहने वाला है। उसने UPSC में 53 वी रैंक हासिल की है।
जिस कॉलेज में पढ़ा, उसी में मजदूरी भी कीसुमित की जिंदगी के संघर्षों का तो पूरा ग्रंथ लिखा जा सकता है परंतु एक प्रसंग उसे जिंदगी भर याद रहेगा। जिस इंजीनिरिंग कालेज में वो पढ़ते थे उसकी ही इमारत के निर्माण में वो मिस्त्री का काम भी करते थे। सुमित अपना घर चलाने के लिए अपने पिता के साथ भी मिस्त्री का काम करते है। बीई और एमटेक कर चुके सुमित अब देश के युवाओं के मिसाल बन चुके हैं।