किशन लाल सुथार को कृषि यंत्र नवाचार के लिये राष्ट्रपति ने प्रदान किया “लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार”
बीकानेर। जिले के श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र के गांव दुलचासर के 8वीं पास किसान किशनलाल सुथार ने राष्ट्रपति भवन में देश का सिरमौर बनकर राष्ट्रपति के हाथों कृषि यंत्र नवाचार में लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार हासिल किया है। इसी 10 अप्रैल को महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने उन्हें सम्मानित किया। राष्ट्रपति ने सुथार द्वारा बनाई गई मूंगफली दाना निकालने की मशीन चलवा कर भी देखी और बधाई देते हुए उनके कार्य की हौसला-अफजाई भी की। पुरस्कार स्वरूप नागल को पांच लाख रूपए व प्रशस्ति पत्र दिया गया है। राष्ट्रपति भवन में खेती व कृषि यंत्रों में नवाचार के लिए प्रति दो वर्ष से देशभर से विशेष योगदान देने वाले किसानों व कारीगरों को सम्मानित किया जाता है। बेहद कठिन प्रतियोगिता के बाद किशनलाल ने ये विजय हासिल की और इस मुकाम पर पहुंचे है। कार्यक्रम में विज्ञान व प्रौद्योगिकी सचिव डॉ0 चंद्रशेखर सहित विज्ञान व कृषि विभाग की बड़ी विभूतियां मौजूद रही।
करीब 15 साल पहले किशनलाल ने मूंगफली दाना निकालने की मशीन का इनोवेशन किया। सर्वप्रथम मोटर से चलने वाली मशीन बनाई गई। किशनलाल ने बताया कि वह स्वयं किसान हैं और उनके क्षेत्र में भरपूर मूंगफली होती है। किसानों की परेशानी को देखकर ही उन्हें यह विचार आया। इसे किसानों का प्रोत्साहन मिला तो उन्होंने ट्रैक्टर के पीछे लगने वाली बड़ी मशीन ईजाद की। किशनलाल ने बताया कि ये किसानों के लिए इतनी सहायक साबित हुई कि बाजार में इसकी डिमांड बढ़ती गई। वे अब तक 600 मशीनें बाजार में दे चुके हैं। सरकार ने मशीन की उपयोगिता देखी तो इस मशीन पर किसानों को 40 प्रतिशत की सब्सिडी भी जारी करने की घोषणा तीन साल पहले की गई। संभवतः किशनलाल सुथार बीकानेर जिले के पहले ऐसे किसान हैं जिन्होंने ये गौरव हासिल किया है।
किशनलाल ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने पिता पुरखाराम जी सुथार को दिया। किशनलाल ने कहा कि मुझे ये ध्यान ही नहीं था कि ऐसा समारोह होगा और राष्ट्रपति जी मुझे सम्मानित करेगी अन्यथा मैं अपने पिता को जरूर साथ लेकर आता। वे ये देखकर गौरवान्वित होते कि उनके बेटे ने ये सफलता हासिल की है। गांव मे है जश्न का माहौल है। साभार