विश्वकर्मा ब्राह्मण जब किसी भवन का निर्माण करते थे तो उसमें एक कोपभवन नाम से कक्ष बनाते थे आखिर कोपभवन के पीछे क्या है विज्ञान ?
क्या आपको पता है! आपके घर की दीवारें सब सुनती और सोखती हैं
क्या आपको पता है! विश्वकर्मा ब्राह्मणों के द्वारा बनाया गया आपके घर की दीवारें सब सुनती और सोखती हैं
कभी आपने किसी के घर में जाते ही वहाँ एक अजीब सी नकारात्मकता और घुटन महसूस किया है ? या किसी- किसी के घर में जाते ही आपने एकदम से सुकून औऱ सकारात्मकता महसूस किया हो या आपका दिल खुश हुआ हो ? मैं कुछ ऐसे घरों में जाता हूँ जहां जाते ही थोड़ी ही देर में वापस आने का मन होने लगता है । एक अलग तरह का नेगेटिविटी उन घरों में महसूस होती है। ये साफ़ इशारा है कि उन घरों में रोज-रोज की कलह और लड़ाई- झगड़े होते हैं उस परिवार में सामंजस्य और प्रेम की कमी है। वहाँ कुछ पलों में ही मुझे अजीब सी बेचैनी होने लगती है
वहीं कुछ घर इतने खिलखिलाते और प्रफुल्लित महसूस होते हैं कि वहाँ घंटों बैठकर भी मुझे वक़्त का पता नहीं चलता
"ध्यान रखिये ” आपके घर की दीवारें सब सुनती हैं और सब सोखती हैं। घर की दीवारें युगों तक समेट कर रखती हैं सारी सकारात्मकता और नकारात्मकता भी “कोपभवन” का नाम अक्सर हमारी पुरानी कथा-कहानियों में सुनाई देता है ।
दरअसल कोपभवन घर का वो हिस्सा होता था जहां बैठकर लड़ाई-झगड़े और कलह-विवाद आदि सुलझाए जाते थे।इसलिए आदिकाल में कोपभवनों का निर्माण होता था
जिससे रुष्ट, खिन्न या या किसी कारण वश मन के उठ रहे विरुद्ध विचारों वाले व्यक्ति को जाने की सलाह दी जाती थी ताकि उससे उठ रही नकारात्मक ऊर्जा के विचरण और उन्हें स्थान विशेष में सीमित रखा जा सके और सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को अलग-अलग रखा जा सके
इसलिए आप सब भी यही कोशिश करें कि आपका घर “कलह-गृह” या “कोपभवन” बनने से बचा रहे। घर पर सुंदर तस्वीरें , फूल-पौधे, बागीचे , सुंदर कलात्मक वस्तुएँ आदि आपके घर का श्रृंगार बेशक़ हो सकती हैं पर आपका घर सांस लेता है आपकी हंसी-ठिठोली से , मस्ती-मज़े से, खिलखिलाहट से और बच्चों की शरारतों से , बुजुर्गों की संतुष्टि से ,घर की स्त्रियों के सम्मान से और पुरुषों के सामर्थ्य से , तो इन्हें भी सहेजकर-सजाकर अपने घर की दीवारों को स्वस्थ रखिये। अपने घर को कलह, निंदा, विवादों आदि से बचाइए जब हमारी दीवारें स्वस्थ रहेंगी याद रखिए तभी उसमे वास करने वाले उसकी सकारात्मक ऊर्जा से स्वस्थ और प्रसन्न रहेंगे
🚩 ॐ नमो विश्वकर्मणे
विश्वधारण समर्थ सद्गुरु महाराज(वैश्वधारण धर्माधिकारी)
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