शिक्षाप्रद कहानियां–चालाक भेड़िया
बुरा कर्म करने वालो के साथ एक न एक दिन बुरा ही होता है.
एक बार की बात है, एक भूरे बालों वाला पतला भेड़िया रहता था।
वह भेड़िया भेड़ों को खाना चाहता था, लेकिन चरवाहों की निगरानी के कारण उसे भरपेट भोजन नहीं मिल रहा था। चरवाहे बहुत सतर्क रहते थे और भेड़िये को कभी अपने भेड़ों पर आक्रमण का मौका नहीं देते थे। सौभाग्य से, एक रात उस भेड़िया को एक भेड़ की खाल मिली जिसे किसी ने वहीं फेंकर भूल गया था। भेड़ की खाल को देखकर भेड़िया को एक तरकीब सुझी।
अगले दिन भेड़ की खाल पहने हुए भेड़िया भेड़ों के साथ झुंड में चला गया।
चरवाहा खेत में बैठा था। भेड़ की खाल पहने भेड़िये ने भेड़ों के झुंड का पीछा किया, लेकिन उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुँचाया।
भेड़िया आसानी से भेड़ों के बीच घुलमिल गया। कुछ दिनों बाद चरवाहे ने देखा कि उसके भेड़ों की झुण्ड में कुछ ही भेड़ें बची हैं और कई भेड़ गायब हैं, लेकिन एक भेड़ मोटी हो गई है, और वही भेड़िया था।
जब चरवाहा ने ठीक से मोटी भेड को देखा तो भेड़ की खाल के नीचे भेड़िये को पाया। चरवाहा समझ गया की मेरे सभी भेड़ को यह भेड़िया ही मारके खा गया है, उसने चाकू लिया और भेड़िये को मार डाला।
बच्चों की शिक्षाप्रद कहानियां से शिक्षा :
दुष्ट व्यक्ति अक्सर अपने ही छल से खुद ही फस जाता है।
जीवन में अपने सुख के लिए किसी को तकलीफ देना का विचार करना विकर्म है
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