छोटी उम्र से स्केटिंग,
8 बार गिनीज बुक में नाम: वर्ल्ड रिकॉर्ड
पापा ने 7 लाख कर्ज लेकर सिखाई स्केटिंग
नागपुर। वे-को-ली उमरेड की 19 वर्षीया सुपर लिम्बो स्केटर सृष्टि धर्मेंद्र शर्मा ने 50 मीटर स्केटिंग में सबसे तेज और कम समय में निकलकर अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया है। वर्ष 2021 में 7.38 सेकेंड के अपने पिछले रिकॉर्ड को तोड़ते हुए सृष्टि ने अब सिर्फ 6.94 सेकेंड में यह उपलब्धि हासिल की है। सृष्टि धर्मेंद्र शर्मा नागपुर के एक छोटे से गांव वैगांव की रहनेवाली है। जब सृष्टि शर्मा साढ़े तीन साल की थी, तब से ही पैरों में पहिए लग गए। बच्चे इस उम्र में चलना सीखते हैं और सृष्टि शर्मा स्केटिंग पर अठखेलियां करने लगी।
सृष्टि शर्मा दुनिया की पहली आइस लिंबो स्केटर है। यहां तक की जर्नी का एक ही मूल मंत्र है कि दुनिया में कुछ ऐसा कर जाओ कि लोग कहें कि ऐसा तो पहले कभी नहीं देखा, न ही सुना।
इस उपलब्धि के लिए सृष्टि को विद्यासागर चौहान, उपविभागीय अधिकारी, उमरेड एवं प्रदीप वर्पे, नायब तहसीलदार, उमरेड द्वारा “गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड” का प्रमाण पत्र सौंपा गया। साथ ही गुलदस्ता देकर सृष्टि धर्मेंद्र शर्मा को सम्मानित भी किया। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, सृष्टि लिम्बो ने बिना किसी को भी छुए, बिना किसी से टकराये 51 हॉरिजेंटल पोल्स के नीचे स्केटिंग की, जो जमीन सिर्फ 30 सेमी या 12 इंच ऊपर रखी गई थीं। यह पहली बार नहीं है कि सृष्टि शर्मा ने कोई रिकॉर्ड तोड़ा है। 19 साल की सृष्टि शर्मा ने पहली बार 2014 में लोवेस्ट लिम्बो सकेटिंग ओवर 10 मीटर्स में 16.5 सेंटीमीटर हाइट से निकल यह रिकॉर्ड बनाया था।
वर्ष 2015 से ऐसा कर लोवेस्ट लिम्बो स्केटिंग ओवर 25 मीटर्स में 17 सेंटी मीटर हाइट से निकलकर यह रिकॉर्ड बनाया था। वर्ष 2017 में सृष्टि अपनी प्रतिभा को एक आइस रिंक में ले गई, जहां उन्होंने लोवेस्ट लिम्बो आइस स्केटिंग ओवर 10 मीटर्स में 17.78 सेंटी मीटर हाइट से निकलकर यह रिकॉर्ड बनाया था। वर्ष 2020 में फेस्टेस्ट टाइम टू लिम्बो स्केट ओवर 10 मीटर्स 1.98 सेकंड का लक्ष्य 1.72 सेकंड निकला। 2020 में ही दोबारा दुबारा अपने ही रिकॉर्ड को 1.69 सेकंड में तोड़ा। सृष्टि यहीं नहीं रुकी, उसने 2023 मे 1.23 सेकंड में निकलकर तीसरी बार यह रिकॉड तोड़ा। वर्ष 2021 में सृष्टि फेस्टेस्ट टाइम टू लिम्बो स्केट ओवर 50 मीटर्स 7.38 सेकंड का अपना रिकॉर्ड बनाया था। उसने 2021 का 7.38 सेकंड का अपना पिछला रिकॉर्ड 6.94 सेकेंड के साथ एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है। सृष्टि शर्मा के नाम दर्ज गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” का संदेश देते हुये बनाया। ताकि बेटियां भी देश में खेल, शिक्षा आदि क्षेत्र में देश का नाम रोशन करें। इस खेल में, एक व्यक्ति किसी भी प्रकार के स्पर्श के बिना हॉरिजेंटल पोल जैसी बाधाओं के नीचे से निकलता है उसे लिम्बो स्केटिंग कहते है।
हारमोनियम सिखाने के लिए टीचर के पास ले गए
सृष्टि शर्मा दो बहनें हैं। बड़ी बहन का नाम सिद्धी है। पापा धर्मेंद्र बालकेश्वर शर्मा ड्राइवर हैं। नागपुर के उमरेड़ कोल माइंस में वो वर्षों से गाड़ी चलाते रहे। अभी वो प्रमोट होकर सुपरवाइजर हो गए हैं।
दोनों बहनें जीवन में कुछ करें, इसका सपना उन्होंने देखा।
बहन सिद्धी और सृष्टि को हारमोनियम सिखाने के लिए म्यूजिक टीचर के पास ले गए।
लेकिन किसी कारण से टीचर ने हारमोनियम सिखाने से मना कर दिया। तब धर्मेंद्र ने सिद्धी और सृष्टि को कुछ और सिखाने का सोचा।
बहन को स्केटिंग करता देख मेरे भी पैर चलने लगते
धर्मेंद्र यह सोचकर परेशान थे कि छोटी बच्ची के पैर इतना वजन कैसे संभालेंगे। लेकिन मैं कुछ ही समय में स्केटिंग करने लगी।
जब म्यूजिक में बात नहीं बनी तो धर्मेंद्र को किसी ने सलाह दी कि बेटी को स्केटिंग सिखाओ। तब सिद्धी की 6 साल और सृष्टि की उम्र महज साढ़े तीन साल की रही होगी।
एकेडमी के इंस्ट्रक्टर ने देखा तो उसने कहा कि इस बच्ची को भी स्केटिंग में दे दीजिए, फीस की चिंता न करिए।
धर्मेंद्र सिद्धी को सुबह 6 बजे स्केटिंग एकेडमी ले जाते और वहीं से ड्यूटी पर चले जाते। बाद में पीछे से मम्मी सृष्टि को लेकर एकेडमी पहुंचतीं।
वहां जब सिद्धी स्केटिंग खत्म कर लेतीं तब सृष्टि उसके स्केटिंग रोलर को पैरों में बांध कर खड़े होने की कोशिश करती।
तब धर्मेंद्र को झिझक थी कि नन्हें पैरों में स्केटिंग कैसे फिट होगी। स्केटिंग रोलर का ही वजन डेढ़ किलो के लगभग होता है।
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January 2024