शिल्पी ब्राह्मण समाज विश्वकर्मा उपनाम लगाना छोड़ें
भगवान विश्वकर्मा का नाम उपनाम के लिए इस्तेमाल करना समाज के लिए घातक सिद्ध होगा
ठाकुर राजपूत यह सब भगवान श्री राम के वंशज है अगर इन्होंने ठाकुर राजपूत उपनामों के स्थान पर अपने नाम के पीछे राम लिख दिया होता तो क्या सभी जातियां भगवान श्री राम की पूजा करते क्या अयोध्या में भगवान श्री राम का मंदिर बन सकता था ?
क्यों पागल हो रहा है शिल्पी ब्राह्मण समाज जो अपने नाम के पीछे विश्वकर्मा उपनाम लगाने की कोशिश कर रहा है शिल्पी ब्राह्मण समाज स्वयं तो पिछड़ी जाति में आता है क्यों भगवान विश्वकर्मा को भी पिछड़ी जाति का देवता बनाने पर तूले हुए हो कुछ तो शर्म करो
भगवान विश्वकर्मा ने संपूर्ण सृष्टि का निर्माण किया है ब्रह्मांड में मौजूद हर जीव भगवान विश्वकर्मा से उत्पन्न हुआ है अर्थात ब्रह्मांड में मौजूद सभी जीव विश्वकर्मा वंशज है समाज अपने नाम के पीछे विश्वकर्मा उपनाम लगाकर भगवान विश्वकर्मा के नाम को क्यों कलंकित करने पर तुला है
शिल्पी ब्राह्मण समाज विश्वकर्मा उपनाम लगाना छोड़ें
बहुजन समाज पार्टी ने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के फोटो का इस्तेमाल एक जाति विशेष के लिए किया नतीजा यह निकला कोई भीमराव अंबेडकर को गाली दे रहा होता है तो कोई डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का वंशज बताने में लगा रहता है ऐसा क्या गुनाह किया था भीमराव अंबेडकर उन्होंने तो देश का संविधान लिखा था संविधान और संविधान को लिखने वाले भीमराव अंबेडकर जी पर सभी भारतीयों को गर्व होना चाहिए किंतु एक राजनीतिक पार्टी के द्वारा भीमराव अंबेडकर एक जाति का व्यक्ति बना दिया और उसे राजनीतिक पार्टी में निजी स्वार्थ के चलते डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की यश और कीर्ति को ही खत्म कर दिया
इसलिए शिल्पी ब्राह्मण समाज को विश्वकर्मा उपनाम नहीं लगना चाहिए शिल्पी ब्राह्मण समाज स्वयं तो पिछली जाति में आते है वह भगवान विश्वकर्मा को भी पिछड़ों का भगवान बना दोगे विश्वकर्मा उपनाम लगाने का परिणाम यह हुआ अन्य वर्ण के लोग भगवान विश्वकर्मा को भगवान मानना ही छोड़ देंगे
महात्मा गांधी ने बिना तलवार और बिना गोली चलाएं देश को स्वतंत्रता दिलवाने में अहम योगदान दिया था इसलिए देश की जनता ने महात्मा गांधी जी को महात्मा की उपाधि के साथ-साथ राष्ट्रपिता की उपाधि से भी सम्मानित किया था किंतु कांग्रेस पार्टी ने राजनीतिक फायदा पाने के लिए महात्मा गांधी को पूरे देश का नहीं सिर्फ कॉंग्रेस पार्टि का नेता बताकर प्रसारित करना शुरू कर दिया नतीजा यह है निकाल कांग्रेस पार्टी सत्ता में नहीं मौजूदा सरकार के बैनर से महात्मा गांधी जी गायब है यहां तक की नेहरू परिवार ने महात्मा गांधी का उपनाम गांधी क्या लगाया मंचों पर या सोशल मीडिया मंचों पर गांधी V/S गोडसे ट्रेड करने ला लगा
महात्मा गांधी ने 1933 मे दलित समाज को एक नाम दिया था वह "नाम था हरिजन" यहां तक की महात्मा गांधी ने अपने अखबार का नाम यंग इंडिया से बदलकर हरिजन रख दिया था हरिजन शब्द कितना पावन, कितना सुंदर ,कितना आध्यात्मिक शब्द है किंतु हरिजन शब्द का उच्चारण करने से आम लोग कतराते हैं क्योंकि हरिजन शब्द का इस्तेमाल एक वर्ण विशेष के लिए कर दिया गया था इसलिए शिल्पी ब्राह्मण समाज को विश्वकर्मा उपनाम नहीं लगना चाहिए शिल्पी ब्राह्मण समाज स्वयं तो पिछली जाति में आते है वह भगवान विश्वकर्मा को भी पिछड़ों का भगवान बना दोगे विश्वकर्मा उपनाम लगाने का परिणाम यह हुआ अन्य वर्ण के लोग भगवान विश्वकर्मा को भगवान मानना ही छोड़ देंगे
वाल्मीकि ऋषि का उपनाम अगर दलित समाज को ना दिया गया होता तो ऐसे महान ऋषि का उपनाम का इस्तेमाल चारों वर्ण कर रहे होते जरा सोचिए वाल्मीकि ऋषि ने रामायण जैसे पवित्र साहित्य को लिखा है रामायण की घर-घर में पूजा होती है उसके लेखक ऋषि वाल्मीकि ऋषि का उपनाम लोग रखने से कतराते हैं क्योंकि इस उपनाम का इस्तेमाल दलित समाज को परमानेंट उपनाम दे दिया गया था
-यथार्थ रमेश पांचाल संस्थापक विश्वकर्मा ज्ञान ज्योति फरीदाबाद हरियाणा